बंगाल में 20 महीने बाद कक्षा 9-12 के लिए स्कूल से फिर से खुले

कोलकाता, पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के कारण करीब 20 महीने तक बंद रहने के बाद मंगलवार को पश्चिम बंगाल में कक्षा नौ से 12 वीं तक के स्कूल दोबारा खुल गये ।

राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि जूनियर और मिडिल स्कूलों के छात्रों के लिए कक्षाएं फिलहाल ऑनलाइन मोड में जारी रहेंगी ।

उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे सभी विद्यार्थियों को कक्षाओं में वापस लाने के प्रयास जारी हैं।

उन्होंने यहां विधानसभा में अपने कक्ष में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इच्छा के अनुसार स्कूलों को फिर से खोलने में सक्षम होने से खुश हैं।’’

बसु ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने से पहले स्कूलों की सफाई, शिक्षकों और कर्मचारियों के टीकाकरण सहित सभी सावधानियां बरती गयी है।

उन्होंने कहा कि स्कूलों में छात्रों के बैठने की व्यवस्था सहित सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है ताकि सामाजिक मेल जोल की दूरी का पालन किया जा सके ।

मंत्री ने कहा, ‘‘हम स्थिति की समीक्षा करने के बाद चरण-दर-चरण (छोटी कक्षा के छात्रों को स्कूलों में जाने की अनुमति पर) निर्णय लेंगे।’’

माध्यमिक और उच्च माध्यमिक वर्गों के लिए अलग-अलग समय में कक्षाएं आयोजित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार छात्र सुबह से पश्चिम बंगाल में स्कूल के गेट पर कतारों में खड़े थे ।

यह व्यवस्था कोविड-19 के प्रसार को रोकने के मद्देनजर मेल जोल को कम करने के लिए थी।

शिक्षकों और कर्मचारियों ने छात्र तथा छात्राओं का स्कूल में स्वागत करते हुये उन्हें सेनिटाइज़र दिया और उनके तापमान की जांच की और उन्हें पूरे स्कूल समय में हर समय मास्क पहनने की सलाह दी गयी।

बसु ने पहले कहा था कि किसी भी छात्र को प्रत्यक्ष कक्षाओं में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और यह उन पर और उनके माता-पिता पर निर्भर है कि वे इस बारे में फैसला करें।

कुछ माता-पिता प्रत्यक्ष कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोले जाने पर खुश थे । हालांकि, उन्होंने आशंका व्यक्त की कि क्या उनके बच्चे कोविड सुरक्षा के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे, क्योंकि छात्र बहुत लंबे समय के बाद कक्षाओं में एक साथ बैठे होंगे।

महामारी के प्रसार की रोकथाम के लिये केंद्र सरकार द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद मार्च, 2020 में शैक्षणिक संस्थानों को प्रत्यक्ष कक्षाओं के लिए बंद कर दिया गया था।

हालांकि बाद में लॉकडाउन हटा लिया गया, लेकिन राज्य में महामारी की स्थिति के कारण स्कूल और कॉलेज बंद रहे।

प्रदेश में कॉलेज और विश्वविद्यालय भी मंगलवार को प्रत्यक्ष कक्षाओं के लिये खोले गये । हालांकि, इनमें से कुछ संस्थानों के अधिकारियों ने कहा है कि विभिन्न संकायों के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए जाएंगे ताकि परिसरों में भीड़ और मेल जोल कम हो सके।

दक्षिण कोलकाता के एक निजी स्कूल की छात्रा सोहिनी मुखर्जी ने कहा, ‘‘मैं इतने लंबे समय के बाद स्कूल में वापस आकर रोमांचित हूं, ऑनलाइन बातचीत करना कभी भी दोस्तों और शिक्षकों से आमने-सामने बात करने जितना अच्छा नहीं हो सकता।’’

उत्तरी कोलकाता में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने कहा, ‘‘यह बहुत अच्छा लगता है कि बच्चे स्कूल में हमारे बीच वापस आ जाएंगे; हमारे जैसे संस्थानों में, ऑनलाइन कभी भी आमने-सामने बातचीत के बराबर विकल्प नहीं हो सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों से कहा गया है कि वे अपना टिफिन साझा न करें और सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करें।’’

कक्षा नौ के एक छात्र के पिता पार्थ बिस्वास ने कहा, ‘‘हालांकि मैंने अपने बेटे को मानदंडों का पालन करने के लिए कहा है, लेकिन मैं वास्तव में नहीं जानता कि वे कितने समय तक ऐसा करेंगे ।’’

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Bagmari-Manicktala_Govt_Spon_High_School,_Kankurgachi,_Kolkata,_West_Bengal.JPG

%d bloggers like this: