भारत के लिए ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ के दृष्टिकोण को साकार करने का समय आ गया है: मांडविया

नयी दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत समग्र नीति बनाकर ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ के दृष्टिकोण को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाए और इसे ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के दर्शन के अनुरूप ढाले।

उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) भागीदारी सम्मेलन 2023 में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के पास नवीन अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी समर्थित समाधानों का नेतृत्व करने की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति है, जो सार्वभौमिक स्वीकार्यता के साथ व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य हैं।

शिखर सम्मेलन का विषय “एक स्वास्थ्य: इष्टतम स्वास्थ्य के लिए एकीकृत, सहयोगात्मक और बहुक्षेत्रीय दृष्टिकोण” रखा गया है।

मंत्री ने कहा, “’एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ का विचार केवल सक्रिय वैश्विक सहयोग से एक वास्तविकता बन सकता है, जिसके तहत देश केवल अपने बारे में नहीं बल्कि सामूहिक वैश्विक परिणामों के बारे में सोचें।”

मांडविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वास्थ्य क्षेत्र को एक देश तक सीमित नहीं किया जा सकता है क्योंकि एक देश का स्वास्थ्य और बेहतरी दूसरे देश को प्रभावित करती है।

उन्होंने कहा, “हम एक-दूसरे पर निर्भर दुनिया में रहते हैं, जिसमें न केवल देश और मानव आबादी बल्कि आसपास के पर्यावरण और जानवरों का स्वास्थ्य भी समान रूप से प्रभावित होता है।”

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: