भू-राजनीतिक विभाजन सुरक्षा परिषद समेत सभी तरह के अंतरराष्ट्रीय सहयोग को कमतर कर रहा : संरा प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने मंगलवार को इस बात पर दुख जताया कि भू-राजनीतिक विभाजन सुरक्षा परिषद समेत सभी तरह के अंतरराष्ट्रीय सहयोग को कमतर कर रहा है और इस बात पर ज़ोर दिया कि सहयोग और संवाद ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।

गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “ हमारा विश्व खतरे में है और पंगु हो रहा है। भू-राजनीतिक विभाजन सुरक्षा परिषद के काम को, अंतरराष्ट्रीय कानूनों को, लोकतांत्रिक संस्थाओं में लोगों के विश्वास को तथा सभी तरह के अंतरराष्ट्रीय सहयोग को कमतर कर रहा है। हम इस तरह से आगे नहीं बढ़ सकते हैं।”

कोविड की वजह से दो साल बाद न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में व्यक्तिगत रूप से इकट्ठा हुए विश्व नेताओं से गुतारेस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा बहुपक्षीय प्रणाली के बाहर ‘जी-20’ जैसे विभिन्न समूह स्थापित किए गए लेकिन वे भी भू-राजनीतिक विभाजन के जाल में फंस गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि एक समय ऐसा प्रतीत होता था कि विश्व दो समूहों की ओर बढ़ रहा है, लेकिन अब खतरा है कि दुनिया में कोई समूह ही नहीं रहेगा और न ही कोई सहयोग व संवाद होगा और न ही समस्याओं को सामूहिक रूप से हल किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि “हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां सहयोग और संवाद का तर्क ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। कोई भी शक्ति या समूह अकेले फैसला नहीं कर सकती है।”

गुतारेस ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन से काला सागर के जरिए खाद्यान्न निर्यात करने के लिए हुए समझौते ‘ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव’ का जिक्र भी किया और इसे बहुपक्षीय कूटनीति बताया जिसमें यूक्रेन, रूस शामिल थे और तुर्किए के समर्थन से यह मुमकिन हुआ।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन में जंग की वजह से व्यापक तबाही मची है और मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन हुआ है। उन्होंने कहा कि इज़ीयुम में हाल में कब्रें मिलने की खबरें भी बेहद परेशान करने वाली हैं।

गुतारेस ने कहा कि सोशल मीडिया मंच एक ऐसे व्यवसायिक मॉडल पर आधारित हैं जो आक्रोश, क्रोध और नकारात्मकता से पैसा कमा रहे हैं और यह समुदायों और समाज को नुकसान पहुंचा रहा है।

महासचिव ने कहा कि नफरती बातें, गलत सूचनाएं और उत्पीड़न की घटनाएं, खासकर, महिलाओं और कमज़ोर वर्गों के संबंध में, बढ़ रही हैं। बकौल गुतारेस, “ हमारे डेटा की खरीद-फरोख्त की जा रही है ताकि हमारे व्यवहार को प्रभावित किया जा सके जबकि ‘स्पाइवेयर’ और निगरानी नियंत्रण से बाहर हैं और कोई निजता का सम्मान नहीं रह गया है।’’

उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमता सूचना प्रणाली, मीडिया और वास्तव में लोकतंत्र की विश्वसनीयता से समझौता कर रही है।

जलवायु परिवर्तन पर, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि दुनिया को “प्रकृति के खिलाफ आत्मघाती युद्ध” को समाप्त करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जी20 में शामिल देशों से ग्रीनहाउस गैस का 80 फीसदी उत्सर्जन होता है, लेकिन ऐसे गरीब और कमजोर देश इसके प्रभावों को झेल रहे हैं जिन्होंने इसमें सबसे कम योगदान दिया है।

उन्होंने गरीबी समाप्त करने और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में उम्मीद के मुताबिक प्रगति नहीं होने का भी उल्लेख किया।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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