भ्रष्टाचार मामले में इमरान के खिलाफ उच्च न्यायालय के फैसले को पीटीआई ने शीर्ष अदालत में दी चुनौती

इस्लामाबाद, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के उस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी, जिसमें भ्रष्टाचार के एक मामले में पार्टी प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी को वैध करार दिया गया है। स्थानीय मीडिया में बुधवार को प्रकाशित एक खबर में यह जानकारी दी गई है।

             इमरान को मंगलवार को देश के अर्धसैनिक बलों ने उस समय गिरफ्तार कर लिया था, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे। इमरान की गिरफ्तारी के बाद उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के समर्थकों ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया।

             ‘द डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज करने के अनुरोध को लेकर शीर्ष अदालत में एक याचिका दाखिल की गई है।

             खबर के अनुसार, “बैरिस्टर अली जफर और पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने इमरान के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।”           

             ‘द जियो न्यूज’ की खबर के मुताबिक, इमरान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने स्थिति का जायजा लेने और पार्टी प्रमुख की जल्द से जल्द सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने की व्यापक रणनीति तैयार करने के लिए सात सदस्यीय समिति की आपात बैठक बुलाई।

            खबर के अनुसार, कुरैशी ने समिति के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श किया, जिनमें सीनेटर सैफुल्ला खान न्याजी, आजम स्वाति, एजाज चौधरी, मुराद सईद, अली अमीन खान गंडापुर और हसन नियाजी शामिल हैं।

             खबर में कुरैशी के हवाले से कहा गया है, “पीटीआई राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा पार्टी प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी को ‘वैध’ करार देने के इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को आज (बुधवार को) उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।” पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी ने जोर देकर कहा कि इमरान की रिहाई की मांग वाजिब और कानूनी रूप से जायज मांग है।

             इमरान को बुधवार को इस्लामाबाद में जवाबदेही अदालत के समक्ष पेश किया गया। इश दौरान, एनएबी ने पूर्व प्रधानमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए उनकी 14 दिन की हिरासत की मांग की।

             अल-कादिर ट्रस्ट से जुड़े मामले को ‘गंदा राजनीतिक मामला’ और ‘बदले की साजिश’ करार देते हुए पीटीआई उपाध्यक्ष ने कहा, “हम इसके खिलाफ राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तर पर लड़ेंगे।”

             उन्होंने बताया कि पीटीआई इमरान की जल्द से जल्द रिहाई सुनिश्चित करने के लिए देशभर में बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेगी। कुरैशी ने आरोप लगाया कि इमरान ने अदालत में अपनी पेशी से पहले दिए बयान में स्वैच्छिक गिरफ्तारी की पेशकश की थी, बावजूद इसके उन्हें पकड़ने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में ‘छापा’ मारा गया।

             पीटीआई उपाध्यक्ष ने कहा, “इमरान खान की गिरफ्तारी फासीवाद है और बायोमेट्रिक के दौरान इस्लामाबाद उच्च न्यायालय पर धावा बोलना और वकीलों को घायल करना निंदनीय है।”

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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