मस्जिद में हुए आत्मघाती विस्फोट के सिलसिले में 17 संदिग्धों को गिरफ्तार किया

पेशावर/इस्लामाबाद, पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने पेशावर में एक उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में स्थित मस्जिद में हुए आत्मघाती विस्फोट के सिलसिले में 17 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

             सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने आतंकवादी समूहों के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने का संकल्प व्यक्त किया और सेना के अधिकारियों को आतंकवाद को नेस्तानाबूद करने का निर्देश दिया।

             पेशावर में हुए इस हमले में 97 पुलिसकर्मियों समेत 101 लोग मारे गए हैं। सोमवार को जुहर की नमाज के दौरान आगे की कतार में मौजूद तालिबान के आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया था।

             सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान में पिछले कई सालों में सुरक्षाकर्मियों पर हुए इस सबसे भयावह हमले में शामिल होने के संदेह में 17 लोगों को गिरफ्तार किया है।

            उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस लाइन्स इलाके के नजदीकी क्षेत्रों से गिरफ्तारियां की गयी हैं और संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

             तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) या पाकिस्तानी तालिबान ने आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि उनके कथित कमांडर उमर खालिद खुरासानी की पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में हुई मौत का बदला लेने के लिए यह हमला किया गया।

             जनरल मुनीर ने मंगलवार को रावलपिंडी में सैन्य अधिकारियों के सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सेना देश से आतंकवाद के खतरे को समाप्त करने के लिए दृढ़संकल्पित है।

             उन्होंने पेशावर मस्जिद हमले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘इस तरह के अनैतिक और कायराना कृत्य आतंकवाद के खिलाफ जारी जंग को लेकर देश के संकल्प को डिगा नहीं सकते, बल्कि किसी भी आतंकवादी संगठन के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने के संकल्प को और मजबूत करते हैं।’’

             जनरल मुनीर ने आत्मघाती बम हमले के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ पेशावर का दौरा किया और सभी कमांडरों को खुफिया तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर आतंकवाद-रोधी अभियान पर ध्यान केंद्रित रखने का निर्देश दिया।

             गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने मंगलवार को संसद में कहा कि मृतकों में 97 पुलिसकर्मी शामिल हैं।

             उन्होंने कहा कि देश में आतंकवाद के खतरे के लिए पिछली नीतियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती सोवियत संघ के खिलाफ अफगानिस्तान की जंग का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हमने मुजाहिदीन तैयार किये थे लेकिन वे आतंकवादी बन गये हैं।’’

             पेशावर में बुधवार को पुलिसकर्मियों ने रैली निकालकर हमले के मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की। रैली में वक्ताओं ने विस्फोट की जांच के लिए संयुक्त जांच दल बनाने की मांग की।

             उन्होंने इस हमले में शामिल तत्वों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की।

             रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सभी राजनीतिक ताकतों से आतंकवादियों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है।

             आसिफ से जब मंगलवार को संसद परिसर में पत्रकारों ने आतंकवादियों के खिलाफ कोई नया अभियान शुरू करने की संभावना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उच्चस्तरीय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति इस बारे में फैसला करेगी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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