महामारी के बीच ओलंपिक खेलों के आयोजन को लेकर हुए चुनाव में बंटी तोक्यो एसेंबली

तोक्यो, जापान में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ने के साथ ही तीन हफ्ते बाद शुरू होने जा रहे ओलंपिक खेलों के दौरान स्वास्थ्य जोखिमों की चिंता को लेकर राजधानी तोक्यो में हुए एक चुनाव में शहर की एसेंबली पूरी तरह बंटी हुई नजर आई।

रविवार को 127 सीटों के लिए हुए मतदान में, गवर्नर यूरिको कोयिके तोमिन की ‘फर्स्ट पार्टी’ 31 सीटों पर निर्वाचित हुई जबकि पहले उसके पास 46 सीटें थीं। राष्ट्रीय स्तर पर सतारूढ़ पार्टी ‘लिबरल डेमोक्रेट्स’ को पूर्व की 25 सीटों से बढ़कर इस बार 33 सीटें मिलीं।

जनता की राय जानने के लिए किए गए सर्वेक्षणों में देखा गया कि 60 प्रतिशत प्रतिभागी चाहते हैं कि खेल रद्द हो जाएं या फिर से टाल दिए जाएं। इस डर के पीछे टीकाकरण की धीमी गति है जिसमें केवल 10 प्रतिशत आबादी को टीके की सभी खुराकें लग चुकी हैं।

ओलंपिक खेलों को रद्द करने की साफ-साफ वकालत करने वाली केवल एक प्रमुख पार्टी थी – कम्युनिस्ट पार्टी, जिसे कुल 19 में से एक सीट मिली। विपक्षी डेमोक्रेट्स ने ओलंपिक खेलों के आयोजन पर सवाल उठाए थे, और चुनाव में उसे पहले की आठ सीटों से बढ़कर 15 सीटें मिलीं। अब वे साथ मिलकर 34 सीटों के साथ एक मजबूत गुट बना रहे हैं।

लिबरल डेमोक्रेट्स “सुरक्षित एवं संरक्षित खेलों’’ का वादा कर रहे हैं। कोयिके और उनकी पार्टी ने स्टेडियम में दर्शकों को आने की अनुमति नहीं देने की बात कही है। आयोजन समिति ने कहा है कि उपस्थिति पर प्रतिबंध को लेकर फैसले पर अब भी गौर किया जा रहा है।

राजधानी शहर की कुल 1.4 करोड़ आबादी में से 98 लाख लोग मतदान करने के पात्र हैं।

23 जुलाई से शुरू हो रहे ओलंपिक खेलों में 15,000 एथलीट और 50,000 से ज्यादा अधिकारी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे जबकि 70,000 स्वयंसेवी भी इसका हिस्सा बनेंगे।

कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि यह कोविड-19 सुपरस्प्रेडर (बड़े पैमाने पर वायरस का प्रसार करने वाला) कार्यक्रम बन सकता है। उन्होंने चेताया है कि फिलहाल तोक्यो में कई सौ में आ रहे मामले ओलंपिक के दौरान हजारों में पहुंच सकते हैं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Flickr

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