मोदी आम चुनाव से पहले मणिपुर का दौरा करें; नागरिक संगठनों की मांग : कांग्रेस

सेनापति (मणिपुर), कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान नागरिक संगठनों ने राहुल गांधी से मुलाकात कर आग्रह किया कि पार्टी संसद के आगामी बजट सत्र में मांग करे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव से पहले हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर का दौरा करें। यात्रा के दोपहर के भोजन के लिए ठहरने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राहुल गांधी से अलग-अलग मुलाकात करने वाले नागरिक संगठनों ने यह भी कहा कि मणिपुर में “संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह और मजबूत” शासन की जरूरत है। पिछले साल मई में मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा में 180 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए। मणिपुर से महाराष्ट्र तक यात्रा रविवार को थौबल से शुरू हुई, जिसमें राहुल गांधी ने जोर दिया कि कांग्रेस भारत के लिए एक नया दृष्टिकोण पेश करेगी जो सद्भाव, भाईचारे और समानता पर आधारित होगा, जिसमें नफरत, हिंसा और एकाधिकार का कोई स्थान नहीं होगा। रमेश ने कहा, “पहले जब हम मणिपुर आते थे तो मणिपुरी संगठनों से मुलाकात करते थे लेकिन अब हम सामुदायिक संगठनों से मिल रहे हैं। यह अंतर आया है। वे सभी शांति की मांग कर रहे हैं।” भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत मणिपुर सरकार पर निशाना साधते हुए रमेश ने दावा किया कि राज्य के दो मंत्री “लापता” हैं और वे “ऑनलाइन” तरके से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से भी मुलाकात नहीं की और उनके जन्मदिन पर उन्हें केवल डिजिटल तरीके से बधाई दी। उन्होंने यह भी दावा किया कि न तो मणिपुर से कोई राज्य मंत्री या राज्यसभा सदस्य ही मोदी से मिल सके। रमेश ने कहा, “नागरिक संगठनों ने राहुल जी से कहा कि संसद के बजट सत्र में कांग्रेस और उन्हें मांग करनी चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनाव से पहले मणिपुर आएं।” उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी हाल ही में मिजोरम में एक चुनावी सभा में भी शामिल नहीं हुए क्योंकि अगर वह मणिपुर का दौरा नहीं कर चुनावी राज्य का दौरा करते तो सवाल उठाए जाते। रमेश ने कहा कि राहुल गांधी ने मणिपुर में अपनी यात्रा के दौरान मथुरा के एक ट्रक चालक और बिहार के एक दुकानदार से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए रमेश ने कहा कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने का एकमात्र कारण प्रधानमंत्री से मणिपुर पर अपनी ‘चुप्पी’ तुड़वाना था। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री संसद में 123 मिनट बोले लेकिन मणिपुर पर सिर्फ साढ़े तीन मिनट ही बोले।” विपक्षी सांसदों के वॉकआउट के बाद पिछले साल लोकसभा में मोदी नीत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गया था। रमेश ने कहा कि मुलाकात करने वाले सभी संगठनों ने गांधी से कहा कि शासन में संवेदनशीलता होनी चाहिए और प्रधानमंत्री को मणिपुर का दौरा करना चाहिए। रमेश ने कहा, “उन सभी संगठनों ने मांग की कि संवेदनशीलता और एक मजबूत सरकार होनी चाहिए। भाजपा-आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की विभाजनकारी राजनीति का परिणाम मणिपुर में दिख रहा है।” कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि इस यात्रा को हिंदी की दो पंक्तियों में समेटा जा सकता है- “जब देश में बह रही हो अन्याय की आंधी, तब न्याय के लिए लड़ रहे हैं राहुल गांधी।” भाजपा पर हमला बोलते हुए कुमार ने कहा कि विभाजन सबके सामने है। उन्होंने कहा, “इंफाल के चालक कांगपोकपी जाने को तैयार नहीं हैं और कांगपोकपी के चालक इंफाल जाने को तैयार नहीं हैं। जब कांग्रेस ने संसद में इस मुद्दे को उठाया था और मांग की थी कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री मणिपुर मुद्दे पर बयान दें, तो आपने देखा होगा कि किस प्रकार विपक्ष को बदनाम किया गया था।” कुमार ने कहा, ”गांधी ने कहा है कि हम मणिपुर में हिंसा और विभाजन के चक्र को खत्म कर शांति स्थापित करना चाहते हैं।” उन्होंने कहा, “अन्याय की आंधी चल रही है और संस्थानों पर कब्जा किया जा रहा है… आप देख सकते हैं कि कैसे संस्थाएं न्याय देने में अक्षम साबित हो रही हैं।” कुमार ने कहा, “लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या इस यात्रा का संबंध चुनाव से है। अगर कोई राजनीतिक दल कुछ करता है तो जाहिर तौर पर इसका संबंध राजनीति से है, लेकिन राजनीति का मतलब सिर्फ चुनाव ही नहीं होता है।” उन्होंने सवाल किया कि तमाम सुरक्षा तंत्र मौजूद होने के बावजूद प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं आते। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 15 राज्यों के 100 लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। इस यात्रा के दौरान 6,713 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। ज्यादातर यात्रा बस से होगी, लेकिन कहीं-कहीं पदयात्रा भी होगी। यात्रा का समापन 20 या 21 मार्च को मुंबई में होगा। क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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