विश्व के 200 से अधिक नेताओं ने समूह 7 देशों से गरीबों के टीकाकरण में मदद का आग्रह किया

लंदन, विभिन्न देशों के पूर्व राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और मंत्रियों सहित करीब 230 विश्व नेताओं ने उस अभियान का समर्थन किया है, जिसमें समूह-सात देशों से दुनिया के सबसे गरीब लोगों के टीकाकरण में मदद का अनुरोध किया गया है। समूह-सात से अनुरोध किया गया है कि ऐसे लोगों के टीकाकरण पर 66 अरब अमेरिकी डॉलर का खर्च आने का अनुमान है और वह इसका दो-तिहाई खर्च उठाए।

समूह-सात की बैठक शुक्रवार से शुरू होने वाली है और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इसकी मेजबानी कर रहे हैं। इस बैठक से पहले एक पत्र में आगाह किया गया है कि ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा के नेतागण 2021 को “वैश्विक सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़” बनाएं क्योंकि उप-सहारा अफ्रीका में दो प्रतिशत से भी कम लोगों का टीकाकरण हो सका है। इस पत्र की एक प्रति ‘गार्डियन’ समाचार पत्र के पास भी है।

इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और गॉर्डन ब्राउन शामिल हैं। पत्र में कहा गया है कि ऐसे लोगों के टीकाकरण के लिए आवश्यक खर्च दुनिया की सबसे अमीर अर्थव्यवस्थाओं के लिए वहनीय है और टीकाकरण कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के प्रसार को रोकने के लिए अहम है, जो मौजूदा टीकों को कमजोर बना सकते हैं।

पत्र में कहा गया है, ‘‘वर्ष 2020 वैश्विक सहयोग में नाकामी का गवाह बना, लेकिन 2021 एक नए युग की शुरुआत कर सकता है। उस समय तक कहीं भी कोई व्यक्ति कोविड से सुरक्षित नहीं है जब तक कि हर व्यक्ति हर जगह सुरक्षित न हो।’’

वैश्विक टीकाकरण प्रयास के लिए दो वर्षों में 66 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च होने का अनुमान है। ऐसे नेताओं का कहना है कि समूह-सात को अपनी अर्थव्यवस्थाओं के आकार को देखते हुए कुल खर्च का दो-तिहाई हिस्सा वहन करना चाहिए।

शुक्रवार से रविवार के बीच आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में भारत को बतौर अतिथि देश आमंत्रित किया गया है और उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा में डिजिटल तरीके से शामिल हो सकते हैं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images

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