वेस्ट बैंक में इजराइली सेना की कार्रवाई में 10 व्यक्तियों की मौत: फलस्तीनी अधिकारी

जेनिन शरणार्थी शिविर (वेस्ट बैंक) इजराइली सेना द्वारा बृहस्पतिवार को वेस्ट बैंक के टकराव वाले क्षेत्र में छापेमारी के दौरान की गई गोलीबारी में 60 वर्ष की एक महिला सहित कम से कम नौ फलस्तीनी मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। यह जानकारी फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने दी।

वहीं, इजराइली सेना ने एक अलग घटना में 22 वर्ष के एक फलस्तीनी को गोली मार दी।

इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आशंका है कि फलस्तीनी इजराइल के साथ सुरक्षा समन्वय रोक देंगे। इस्लामी चरमपंथियों को काबू करने के साझा प्रयास में दोनों पक्ष सुरक्षा संबंध रखते हैं।

यह संघर्ष उस समय हुआ जब इजराइली सेना ने जेनिन शरणार्थी शिविर में दिन के समय एक अभियान चलाया। इजराइली सेना ने कहा कि उक्त अभियान इजराइलियों के खिलाफ एक आसन्न हमले को रोकने के लिए था।

गाजा को नियंत्रित करने वाले इस्लामी उग्रवादी समूह हमास ने बदला लेने की धमकी दी।

संबंधित शरणार्थी शिविर वेस्ट बैंक में चरमपंथियों का एक गढ़ है और यह लगभग एक साल से इजराइल की कार्रवाई का केंद्र बना हुआ है।

मृतकों में से कम से कम एक की पहचान फलस्तीनियों ने एक चरमपंथी के रूप में की, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि कितने अन्य लोग सशस्त्र समूहों से जुड़े थे।

इजराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने एक सुरक्षा ब्रीफिंग के बाद कब्जे वाले वेस्ट बैंक में और गाजा पट्टी के साथ इजराइल की सीमा पर हाई अलर्ट का निर्देश दिया।

इजराइलियों और फलस्तीनियों के बीच तनाव बढ़ गया है क्योंकि फलस्तीनी हमलों के बाद इजराइल ने वेस्ट बैंक में रात के दौरान छापे शुरू किए हैं। इस महीने संघर्ष तेज हुआ है, क्योंकि इजराइल में धुर-दक्षिणपंथी सरकार सत्ता में आई और उसने फलस्तीनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का संकल्प लिया।

हिंसा में वृद्धि के बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आगामी दिनों में इस क्षेत्र में आने वाले हैं। उम्मीद है कि वह ऐसे कदमों पर जोर देंगे जिनसे फ़लस्तीनियों का जीवन सुगम होगा।

फलस्तीनी मीडिया द्वारा प्रकाशित तस्वीरों में दो मंजिला एक इमारत की जली हुई बाहरी दीवारें और एक सड़क पर बिखरा हुआ अन्य मलबा दिखता है। सेना ने कहा कि वह उन विस्फोटकों को निष्क्रिय करने के लिए इमारत में दाखिल हुई, जिसके बारे में कहा गया कि इसका इस्तेमाल संदिग्धों द्वारा किया जा रहा था।

तीन घंटे के अभियान के बाद सैनिकों के क्षेत्र से हटने के बाद, कई कारें पलटी हुई दिखीं, उनके शीशे और खिड़कियां टूटी हुईं थीं।

फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्री मे अल-कैला ने कहा कि पैरामेडिकल कर्मी संघर्ष के बीच घायलों तक पहुंचने के लिए संघर्षरत थे। वहीं, जेनिन के गवर्नर अकरम राजौब ने कहा कि सेना ने आपातकालीन कर्मियों को घायलों को वहां से निकालने से रोका।

दोनों अधिकारियों ने सेना पर एक अस्पताल के बाल चिकित्सा वार्ड में आंसू गैस के गोले दागने का आरोप लगाया, जिससे बच्चों का दम घुटने लगा। अस्पताल के वीडियो में महिलाएं बच्चों को अस्पताल के कमरों से बाहर और गलियारे में ले जाती दिखती हैं।

सेना ने कहा कि बलों ने अपने अभियान को सुविधाजनक बनाने के लिए सड़कों को बंद कर दिया और हो सकता है कि उससे बचाव दल को घायलों तक पहुंचने के प्रयासों में कठिनाई हुई हो। सेना ने कहा कि लगता है कि आंसू गैस आसपास की झड़प वाली जगह से अस्पताल में आ गई होगी।

फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने 61 वर्षीय महिला की पहचान माग्दा ओबैद के रूप में हुई है और इजराइली सेना ने कहा कि वह उसकी मौत की खबरों की पड़ताल कर रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने आठ अन्य मृतकों की पहचान 18 से 40 वर्ष के बीच के पुरुषों के रूप में की है।

फ़तह से संबद्ध एक सशस्त्र मिलिशिया समूह अल-अक्सा मार्टर्स ब्रिगेड ने मृतकों में से एक की पहचान इज़्ज़ अल-दीन सलाहात के तौर पर की जो लड़ाका था। मंत्रालय ने कहा कि कम से कम 20 लोग घायल हुए हैं।

फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दिन में बाद में इजराइली सेना ने 22 वर्ष के एक युवक को गोली मार दी जिससे उसकी मृत्यु हो गई। इजराइली सेना की ओर से यह कार्रवाई तब की गई जब युवा फलस्तीनी बृहस्पतिवार की कार्रवाई के खिलाफ यरुशलम के उत्तर में सेना का विरोध कर रहे थे।

फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने तीन दिन के शोक की घोषणा की और झंडे को आधा झुकाने का आदेश दिया। फ़लस्तीनी अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आवाज़ उठाने का आह्वान किया।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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