सऊदी अरब में दो महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा किया गया

दुबई (संयुक्त अरब अमीरात), सऊदी अरब की दो महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा कर दिया गया है।

इससे करीब तीन साल पहले युवराज (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान ने अधिक स्वतंत्रता दिए जाने की शांतिपूर्ण रूप से वकालत करने वाली महिला कार्यकर्ताओं के खिलाफ व्यापक कार्रवाई की थी। मानवाधिकार समूहों ने दो महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को रिहा किए जाने की रविवार को जानकारी दी। ऐसा प्रतीत होता है कि 2018 की कार्रवाई में हिरासत में ली गईं सभी कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा कर दिया गया है, लेकिन एक महिला कार्यकर्ता माया अल जहरानी की रिहाई के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं है।

मुख्य रूप से सऊदी अरब पर ध्यान केंद्रित करने वाले लंदन स्थित ‘एएलक्यूएसटी’ अधिकार समूह ने बताया कि दो महिलाओं – समर बदावी और नसीमा अल-सदा – को शनिवार देर रात या रविवार तड़के रिहा कर दिया गया। ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने भी उनकी रिहाई की पुष्टि की। महिलाओं को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिनमें से दो साल की सजा निलंबित कर दी गई है।

इन महिलाओं ने सऊदी अरब के पुरुष संरक्षकता कानूनों की खुलकर आलोचना की थी। इन कानूनों ने महिलाओं के पतियों, पिताओं और कुछ मामलों में उनके बेटों को अधिकार दिया था कि वे महिलाओं को पासपोर्ट हासिल करने और यात्रा करने के संबंध में नियंत्रित कर सकते थे। उन्होंने महिलाओं को गाड़ी चलाने का अधिकार दिए जाने की भी वकालत की थी। ये दोनों प्रतिबंध हटा दिए गए हैं।

मानवाधिकार समूहों ने ‘एसोसिएडेट प्रेस’ को बताया कि दोनों महिलाओं को सशर्त रिहा किया गया है और वे पांच साल तक विदेश यात्रा नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा कि जेल से रिहा की गई अन्य सऊदी महिला अधिकार कार्यकर्ताओं की तरह इन दोनों महिलाओं को भी मीडिया से बात करने और अपने मामले को लेकर कुछ भी ऑनलाइन पोस्ट करने पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।

इससे पहले, लगभग एक दर्जन महिलाओं ने सऊदी न्यायाधीशों को बताया था कि पूछताछ के दौरान नकाबपोश पुरुषों ने उन्हें उनकी पीठ एवं जांघों पर बेंत से मारा था और उन्हें पानी के भीतर ले जाकर यातनाएं दी थीं। कुछ महिलाओं का आरोप है कि उन्हें जबरन छुआ गया और उन्हें बलात्कार एवं जान से मारने की धमकी दी गई। एक महिला ने जेल में आत्महत्या का प्रयास किया था।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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