हिंसा पर प्रधानमंत्री की चुप्पी साजिशकर्ताओं को सरकारी संरक्षण प्राप्त होने का प्रमाण : येचुरी

नयी दिल्ली, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर उनकी चुप्पी इस बात का ‘महत्वपूर्ण प्रमाण’ है कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है।

येचुरी ने कहा कि रामनवमी के दौरान इतने बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं “कभी देखी और सुनी नहीं गईं।” उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने के “एकमात्र एजेंडे” के साथ काम करने का आरोप लगाया।

वाम नेता ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को केंद्र के समक्ष उठाएगी और इस मुद्दे पर सभी विपक्षी दलों को साथ लाने का भी प्रयास करेगी।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) “बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं” के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन भी आयोजित करेगी।

येचुरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “इस रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा कुछ ऐसी थी जो इतने व्यापक पैमाने पर कभी देखी और सुनी नहीं गई। प्रधानमंत्री ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है और उनकी तरफ से अब तक निंदा का एक शब्द भी नहीं आया है।”

उन्होंने विभिन्न राज्यों में रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को “बहुत ही अशुभ और खतरनाक” बताया और कहा, “प्रधानमंत्री की चुप्पी एक स्पष्ट गवाही है कि हिंसा को अंजाम देने वाली ताकतों को आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है।”

उन्होंने कहा, “बेरोजगारी, गरीबी, भूख, आजीविका, रोजगार, ईंधन की बढ़ती कीमतें- इन मुद्दों पर इस सरकार को कोई चिंता नहीं है। हम प्रधानमंत्री से जो सुनते हैं वह हिजाब, हलाल, अजान है।”

वामपंथी नेता ने आरोप लगाया, “एकमात्र एजेंडा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करना है – यही इस सरकार का एकमात्र एजेंडा है। यह इस देश की नींव को नष्ट कर रहा है।”

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikipedia Commons

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