आप सरकार 2015 की बेअदबी मामले में लीपापोती की कोशिश कर रही है: पंजाब कांग्रेस प्रमुख

चंडीगढ़, कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार पर सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब से संबंधित 2015 की बेअदबी की घटनाओं के मामले में लीपापोती की कोशिश करने का आरोप लगाया।

वडिंग का यह बयान 2015 की बेअदबी के मामलों पर पंजाब पुलिस की अंतिम रिपोर्ट में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा पर दोष मढ़ने के एक दिन बाद आया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) की 467 पन्नों की रिपोर्ट चमकौर सिंह और मेजर सिंह पंडोरी समेत सिख नेताओं को सौंपी थी।

एसआईटी की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए वडिंग ने रविवार को आरोप लगाया कि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बेअदबी के मामलों में लीपापोती की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस नेता ने कहा, “रिपोर्ट को धार्मिक नेताओं को सौंपना किसी भी पवित्रता या सत्यता को प्रमाणित नहीं करता है। तथ्य यह है कि आप इस मामले को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसकी वजह आपको पता है।”

वडिंग ने कहा, “आप सरकार ने लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात किया है, जिन्होंने उसे सत्ता में लाया।’’ उन्होंने सरकार को इसके गंभीर प्रभाव होने को लेकर आगाह करते हुए कहा कि यह मुद्दा दुनिया भर में लाखों सिखों और गुरु ग्रंथ साहिब के अनुयायियों की भावनाओं से संबंधित है।

गिद्दड़बाहा से विधायक वडिंग ने कहा कि आप सरकार तत्कालीन शिरोमणि अकाली दल सरकार की “स्क्रिप्ट का पालन” कर रही है, जिसने मामले को रफा-दफा करने की भी कोशिश की थी।

उन्होंने कहा, “अकालियों ने ज़ाहिर तौर पर मामले को रफा-दफा करने के लिए इसे सीबीआई को सौंप दिया था और वह कुछ भी पता लगाने और दोषियों की पहचान करने में विफल रही थी। उसी तरह आप ने एक रिपोर्ट तैयार करवाई है, जिसमें असली दोषियों को बरी करने का प्रयास किया गया है।”

उन्होंने कहा, “हम जहां से चले थे, वहीं आ गए हैं, क्योंकि जो अकाली नहीं कर सके, आप ने उन सभी को क्लीन चिट देकर कर दिया है, जिनके बारे में पूरा पंजाब जानता है कि वे बेअदबी के दोषी हैं।”

वडिंग ने कहा, “पंजाब कांग्रेस लोगों के बीच जाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि मामले में न्याय हो, जिससे हर पंजाबी का सरोकार है और जिसमें कुछ लोगों की जान चली गई थी।”

पुलिस महानिरीक्षक एसपीएस परमार के नेतृत्व में एसआईटी ने घटनाओं की जांच की और 21 अप्रैल को राज्य के पुलिस महानिदेशक को रिपोर्ट सौंपी थी।

दरअसल, वर्ष 2015 में फरीदकोट में गुरु गंथ साहिब की एक ‘बीर’ (प्रतिलिपि) चोरी होने, बेअदबी संबंधी हस्तलिखित पोस्टर और पवित्र ग्रंथ के फटे पन्ने बिखरे हुए मिलने की घटनाएं सामने आई थीं।

इन घटनाओं के कारण फरीदकोट में विरोध प्रदर्शन हुआ था। अक्टूबर 2015 में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी में बेहबल कलां में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि फरीदकोट के कोटकपूरा में कुछ लोग घायल हो गए थे।

रिपोर्ट के अनुसार डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बेअदबी की तीन घटनाओं में नामजद किया गया है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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