ईयू ने रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया

ब्रसेल्स, यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मंत्रियों ने सोमवार को रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को और कठोर बनाने के साथ-साथ रूसी सोने के निर्यात पर पाबंदी लगाने के उपाय तलाशने पर जोर दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन कदमों से यूक्रेन युद्ध पर निर्णायक असर डालने में मदद मिलेगी।

यूक्रेन की प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने के लिए ईयू के विदेश मंत्रियों ने कीव को दी जाने वाली सैन्य सहायता में 50 करोड़ यूरो का इजाफा करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।

यह फैसला यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा द्वारा ईयू को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से युद्ध के ताजा घटनाक्रमों के बारे में सूचित किए जाने के बाद लिया गया।

कुलेबा ने कहा कि वह ईयू द्वारा घोषित नयी सहायता के लिए उसके ‘आभारी’ हैं, जिससे 27 देशों के समूह की ओर से यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद ढाई अरब यूरो पर पहुंच गई है। हालांकि, उन्होंने ईयू से और मदद देने की अपील की।

बैठक में लिथुआनिया के विदेश मंत्री गैब्रियेलियस लैंड्सबर्गि ने कहा, “अगर किसी चीज को जारी रखने की जरूरत है तो वो है हथियारों की आपूर्ति।” उन्होंने ओडेसा के बंदरगाह को भी सुरक्षित करने पर जोर दिया, ताकि अनाज आपूर्ति की बहाली सुनिश्चित की जा सके।

नए प्रतिबंधों के बारे में ईयू के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि फिलहाल ‘रूसी सोने पर रोक लगाना सबसे जरूरी है’, जो ईंधन के बाद मॉस्को का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात उद्योग है।

इससे पहले, शीर्ष औद्योगिक देशों के समूह जी-7 ने पिछले महीने यह कहते हुए रूसी सोने के निर्यात पर पाबंदी लगाने की प्रतिबद्धता जताई थी कि इसकी मदद से वह चौतरफा प्रतिबंधों से लड़खड़ाई अपनी मुद्रा को संभालने में सफल हो रहा है।

ईयू के 27 देशों के विदेश मंत्री इस सप्ताह रूस से उच्च तकनीक के निर्यात पर रोक लगाने के उपायों पर भी चर्चा करेंगे।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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