केंद्र दिल्ली नगर निगम चुनाव की अनुमति नहीं दे रहा, हम अदालत जाएंगे: मुख्यमंत्री केजरीवाल

नयी दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह बल और गुंडागर्दी का इस्तेमाल करके दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का चुनाव कराने की अनुमति नहीं दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) समय पर चुनाव कराने के लिए अदालत जाएगी।

मानसून सत्र के दूसरे दिन दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल ने दावा किया कि ऐसी चर्चा है कि दिल्ली को पूर्ण केंद्र शासित प्रदेश में बदला जा सकता है और फिर चुनाव नहीं होंगे।

केजरीवाल ने चर्चा के दौरान कहा, ‘‘वे (केंद्र) एमसीडी चुनावों की अनुमति नहीं देने के लिए बल प्रयोग और गुंडागर्दी का इस्तेमाल कर रहे हैं। एमसीडी चुनाव समय पर कराने के लिए हमें अदालत का दरवाजा खटखटाना होगा और हम ऐसा करेंगे।’’

अपने भाषण के बाद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तीन एमसीडी के एकीकरण की कवायद के दौरान केंद्र ने आश्वासन दिया था कि एक परिसीमन आयोग का गठन किया जाएगा, जिसके बाद चुनाव होंगे।’’

उन्होंने कहा कि एमसीडी का एकीकरण होने के बाद डेढ़ महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन उन्होंने परिसीमन आयोग का गठन नहीं किया है। केजरीवाल ने कहा कि वे नहीं चाहते कि चुनाव हो, और यह लोकतंत्र के खिलाफ है।

केजरीवाल ने कहा कहा, ‘मैंने एक समर्पित बेटे की तरह दिल्ली के हर निवासी की देखभाल की है। मैंने अपने युवा भाइयों और बहनों के लिए विश्व स्तरीय शिक्षा सुनिश्चित की और अपने बुजुर्गों के लिए सर्वोत्तम स्वास्थ्य देखभाल प्रदान की।’

केजरीवाल ने कहा कि अगर एमसीडी उनके शासन में होती, तो आप का दृढ़ संकल्प पूरी दिल्ली को साफ करने का है।

केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के पास 15 साल से एमसीडी है, लेकिन उसने कुछ नहीं किया, अलबत्ता उसने चुनाव रोक दिया है।

उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) न तो दिल्ली को साफ करने के लिए कोई कार्रवाई कर रहे हैं और न ही हमें कुछ करने दे रहे हैं, वे लोगों से बदला ले रहे हैं।

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा का मानना ​​है कि एमसीडी के सफाई कर्मचारी ‘आलसी’ हैं।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘ सफाई कर्मचारी आलसी नहीं हैं, लेकिन यह आप (भाजपा) हैं जो भ्रष्ट और नकदी के सौदागर हैं। एक बार एमसीडी हमारे शासन में आ जाएगी, तो वही सफाई कर्मचारी दिल्ली को साफ करेंगे।’’

केजरीवाल ने एमसीडी चुनावों की घोषणा में हो रही देरी को भारत के लोकतंत्र को पटरी से उतारने की कोशिश करार दिया।

22 मई को दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 के माध्यम से तीनों नगर निकायों को एक एमसीडी में मिला दिया गया था।

तीन नगर निकायों को एकजुट करने के लिए एक विधेयक को 30 मार्च को लोकसभा और पांच अप्रैल को राज्यसभा द्वारा अनुमोदित किया गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 18 अप्रैल को अपनी सहमति देने के बाद विधेयक एक अधिनियम बन गया।

अधिनियम ने राष्ट्रीय राजधानी में वार्ड की संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी, जिसका अर्थ है कि चुनाव से पहले एमसीडी को परिसीमन की प्रक्रिया से गुजरना होगा।

वार्ड का सीमांकन करने के लिए केंद्र को एक परिसीमन आयोग का गठन करना था, जो अभी तक नहीं हुआ।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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