कोविड-19 से निपटने में कई स्तरों पर नाकामी के चलते लाखों लोगों की मौत हुई : लांसेट रिपोर्ट

नयी दिल्ली, दुनियाभर में कोविड-19 से निपटने में कई स्तरों पर भारी नाकामी के चलते ऐसे लाखों लोगों की मौत हुई, जिनकी जान बचाई जा सकती थी। साथ ही इससे कई देशों में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। लांसेट के कोविड-19 आयोग की एक नयी रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

आयोग ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए पहले दो साल में दुनियाभर में उठाए गए कदमों की गहन समीक्षा की है। उसने अपनी रिपोर्ट में रोकथाम उपायों, पारदर्शिता, जागरूकता, बुनियादी जन स्वास्थ्य व्यवस्थाओं, अभियानगत सहयोग और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता में व्यापक नाकामी का जिक्र किया है, जिसके चलते 1 करोड़ 77 लाख लोगों की मौत होने का अनुमान है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, “अधिकांश देशों की सरकारें तैयार नही थीं और उनकी प्रतिक्रिया बहुत धीमी थी। इसके अलावा, उन्होंने समाज के सबसे संवेदनशील समूहों को बहुत कम तवज्जो दी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग के अभाव और गलत सूचनाओं की बाढ़ के कारण स्थिति और खराब हो गई।”

आयोग ने नए महामारी विज्ञान और वित्तीय विश्लेषणों का उपयोग करके उन सिफारिशों की रूपरेखा तैयार की है, जिससे कोविड-19 आपातकाल को समाप्त करने, भविष्य के स्वास्थ्य खतरों के प्रभाव को कम करने और दीर्घकालिक सतत विकास हासिल करने में मदद मिल सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन लक्ष्यों को हासिल करने की संभावना एक मजबूत बहुपक्षवाद पर निर्भर करती है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में सुधार और इसे मजबूत बनाने पर केंद्रित हो।

आयोग के मुताबिक, लक्ष्य प्राप्ति के लिए महामारी की तैयारी और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में निवेश करने व नयी योजनाएं बनाने तथा भेदभाव का सामना करने वाली आबादी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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