गहलोत ने बाबरी मस्जिद मामले में फैसले पर हैरानी जताई

जयपुर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में विशेष अदालत के फैसले से उन्हें हैरानी है क्योंकि इससे पहले उच्चतम न्यायालय मस्जिद ढहाए जाने को स्पष्ट रूप से ‘अवैध’ बता चुका है। बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में विशेष अदालत ने बुधवार को सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘विशेष अदालत का फैसला हैरान करने वाला है क्योंकि इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि मस्जिद ढहाया जाना स्पष्ट रूप से गैरकानूनी और कानून का खुला उल्लंघन था।’’

गहलोत के अनुसार विशेष अदालत ने अब जो फैसला दिया है वह उच्चतम न्यायालय के निर्णय के प्रतिकूल है और संविधान में उल्लिखित सिद्धांतों के भी खिलाफ है। देश जानता है कि यह सारा भाजपा-आरएसएस का प्रकरण देश के सांप्रदायिक सौहार्द्र को नष्ट करने का प्रयास था।

उल्लेखनीय है कि लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित सभी 32 आरोपियों को निर्णायक पुख्ता साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने इस फैसले को एतिहासिक बताया है। पूनियां ने ट्वीट किया, ‘‘इस मामले में वरिष्ठ संतों व राजनेताओं को विशेष अदालत द्वारा बरी किया जाना धर्म, आस्था, सत्य और न्याय की जीत है लेकिन अभी भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा फैसले के विरोध पर ताज्जुब है।’’

पूनियां ने कहा कि 28 साल बाद सत्य, न्याय, धर्म व आस्था की जीत हुई है और अदालत ने ऐतिहासिक फैसला किया है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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