जापान के मंत्रिमंडल ने लिया आबे के राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार का निर्णय

तोक्यो, जापान के मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का 27 सितंबर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का निर्णय शुक्रवार को लिया जिसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बहस छिड़ गई है। कुछ आलोचकों ने इसे एक विभाजनकारी राजनीतिक हस्ती के महिमामंडन का प्रयास करार दिया है।

आबे की इस महीने की शुरुआत में पश्चिमी जापान के नारा शहर में चुनाव प्रचार के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने सबको हैरान कर दिया था। घटना के तत्काल बाद कथित हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया था और उससे पूछताछ की जा रही है।

मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजू मात्सुनो ने कहा कि जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे आबे के ‘उत्कृष्ट योगदानों’, आर्थिक सुधार व कूटनीति को बढ़ावा देने सहित विभिन्न क्षेत्रों में ‘बेमिसाल नेतृत्व व निर्णायक कार्रवाई’ और 2011 में आई सुनामी के बाद हालात को पटरी पर लाने में उनके प्रयासों को देखते हुए उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाना उचित है।

मात्सुनो ने कहा कि ‘निप्पोन बुडोकन’ में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा जो गैर धार्मिक कार्यक्रम होगा।

मंत्रिमंडल के निर्णय को लेकर विपक्षी नेताओं और आम लोगों की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोगों ने कर से अर्जित धन खर्च करके इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करने का विरोध किया है जबकि कुछ ने सत्तारूढ़ पार्टी पर आबे के महिमामंडन और उनकी मौत का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। आबे के आलोचक उन्हें बेहद विभाजनकारी नेता मानते हैं।

बृहस्पतिवार को एक नागरिक समूह ने मंत्रिमंडल के निर्णय का विरोध करते हुए तोक्यो जिला न्यायालय से राजकीय अंतिम संस्कार के निर्णय पर रोक लगाने का आग्रह किया है। समूह ने कहा कि संसद की मंजूरी के बिना सरकार द्वारा प्रायोजित अंतिम संस्कार आस्था की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करता है।

दर्जनों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया। विपक्ष के नेता मिजुहो फुकुशिमा ने कहा कि यह निर्णय न तो आम सहमति से लिया गया और न ही इसका कोई कानूनी आधार है। उन्होंने इस निर्णय को रद्द किए जाने की मांग की।

आबे का निजी तौर पर अंतिम संस्कार तोक्यो में एक मंदिर में किया जा चुका है जिसमें उनके परिवार के सदस्यों, उनके राजनीतिक सहयोगियों, कारोबारी नेताओं सहित करीब 1,000 लोगों ने हिस्सा लिया था।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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