डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट के बाद चीन ने कोरोना वायरस के ‘‘प्रयोगशाला से लीक’’होने को झूठ बताया

बीजिंग, चीन ने वैश्विक महामारी के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस के चीन की प्रयोगशाला से संभावित तौर पर लीक होने के सिद्धांत पर शुक्रवार को करार प्रहार करते हुए कहा कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।

चीन ने यह बयान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अनुशंसा के बाद दिया है जिसमें कहा गया है कि महामारी के लिए जिम्मेदार वायरस के प्रयोगशाला से लीक होने को जिम्मेदार ठहराने के लिए और गहन जांच की जरूरत है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने उन आरोपों को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि चीन जांचकर्ताओं से पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन विज्ञान आधारित जांच का स्वागत करता है, लेकिन राजनीति जोड-तोड़ को खारिज करता है।

उन्होंने अमेरिका स्थित ‘‘ अत्यधिक संदिग्ध प्रयोगशालाओं जैसे फोर्ट डेट्रिक और यूनिवर्सिटी ऑफ कैरोलाइना’’ की जांच कराने की मांग दोहराई। चीन ने बिना कोई ठोस सबूत दिए आरोप लगाया है कि अमेरिका इन प्रयोगशालाओं में जैव हथियार के रूप में कोरोना वायरस का विकास कर रहा है।

झाओ ने दैनिक मीडिया संवाद में कहा, ‘‘प्रयोगशाला से वायरस के लीक होने का सिद्धांत पूरी तरह से झूठ है जिसे चीन विरोधी ताकतों ने राजनीतिक उद्देश्य से गढ़ा है, इसका विज्ञान से कोई लेना देना नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने हमेशा वैश्विक स्तर पर विज्ञान के आधार पर वायरस का पता लगाने का समर्थन किया है व हिस्सा लिया है। लेकिन हम कड़ाई से किसी भी तरीके के राजनीतिक जोड़-तोड़ का विरोध करते हैं।’’

झाओ ने दावा किया कि चीन ने वायरस के उद्गम का पता लगाने में अहम योगदान दिया है और अधिकतर आंकड़ों और अनुसंधान के नतीजों को साझा किया है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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