दिवंगत सीडीएस रावत के पैतृक गांव को सड़क मार्ग से जोडने की कवायद शुरू

कोटद्वार (उत्तराखंड), देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) दिवंगत जनरल बिपिन रावत के पौड़ी जिले स्थित पैतृक गांव सैण को सड़क मार्ग से जोड़ने की कवायद शुरू हो गई है।

फिलहाल सैंण के नजदीक बिरमोली खाल तक सडक उपलब्ध है जिसे गांव तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य योजना से 22 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है। बिरमोली खाल से सैण तक की दूरी 1.13 किलोमीटर है।

लोक निर्माण विभाग ने गांव को सड़क से जोड़ने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। विभाग के दुगड्डा क्षेत्र के सहायक अभियंता सत्य प्रकाश राठौर ने बताया कि बिरमोलीखाल से सैण गांव के लिए ‘रोड कटिंग’ (सड़क के लिए पहाड़ों की कटाई) का काम दो दिन पूर्व शुरू हो चुका है, जिसे आगामी तीन माह में पूरा कर लिया जाएगा।

गौरतलब है कि 29 अप्रैल 2018 को तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल रावत अपनी पत्नी मधुलिका के साथ सैण पहुंचे थे और उसी दौरान उन्होंने अपने चाचा भरत सिंह रावत को बताया था कि उनकी ओर से गांव को सड़क से जोड़ने के लिए उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया गया है।

जनरल रावत के पत्र के बाद सरकार ने सैण को सड़क से जोड़ने के लिए बिरमोली-सैण-मदनपुर-डाडा मंडी मार्ग को स्वीकृति प्रदान की थी जिसके लिए विभाग की ओर से सर्वेक्षण भी कराया गया। हालांकि, रोड कटिंग का कार्य केवल धूल गांव तक ही हुआ।

सैन्य अधिकारी की मृत्यु के बाद परिजनों और क्षेत्रवासियों की ओर से उनके गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग ने फिर जोर पकड़ा।

विभाग की ओर से डाडामंडी से सैण गांव तक 10 किलोमीटर रोड कटिंग का काम पूरा कर दिया गया है और द्वितीय चरण के तहत इसपर कार्य शुरू करने की तैयारी चल रही है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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