दुनिया के बड़े शहरों में नये डेटासेंटर से दूरी, भारत को भी गौर करना चाहिये: माइक्रोसाफ्ट अधिकारी

मुंबई, शीर्ष प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि एम्सटर्डम और सिंगापुर जैसे दुनिया के प्रमुख शहरों में कोई नया डेटासेंटर नहीं खोला जा रहा है क्योंकि इनमें बिजली की “भारी खपत” होती है। ऐसे में भारत को मुंबई में या उसके आसपास इस तरह की सभी क्षमताओं को केंद्रित करने को लेकर चौकस रहना चाहिए।

उन्होंने सुझाव दिया कि मुंबई या दिल्ली या चेन्नई जैसे किसी एक शहर में क्षमताओं को केंद्रित करने के बजाय, उन्हें अलग-अलग शहरों में बांटा जाना चाहिए।

माइक्रोसॉफ्ट के कंट्री डायरेक्टर (डेटा सेंटर्स) राहुल धर ने कहा, “कई विकसित शहरों, कई विकसित देशों ने वास्तव में उन शहरों में डेटा केंद्रों का निर्माण बंद कर दिया है। एम्सटर्डम जैसे शहर, आयरलैंड जैसे आधुनिक शहर, सिंगापुर जैसे अत्यंत आधुनिक शहर … उन्होंने अपने शहरों में नए डेटा केंद्रों का विकास लगभग बंद कर दिया है। ये केन्द्र उन शहरों की पूरी बिजली को सोख दे रहे हैं।”

उन्होंने उद्योग संगठन सीआईआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि वैश्विक अनुभव से भारत को सीखना चाहिए और पूछा कि क्या इस पर काम करने के लिए देश में कोई कार्यबल है।

धर ने सवाल किया, “हम मुंबई जैसे शहर में भीड़भाड़ को पूरी तरह कैसे कम कर सकते हैं क्योंकि ये (डेटासेंटर) मुंबई या शायद चेन्नई या नयी दिल्ली किसी भी दूसरे शहर की पूरी बिजली को खींच ले रहे हैं?”

सिफी टैक्नालाजीज के कमल नाथ ने इसी कार्यक्रम में कहा कि वर्तमान में देश की आधी डेंटासेंटर क्षमता मुंबई में ही केन्द्रित है और अनुमान बताता है कि यह योगदान आगे भी जारी रहेगा। इस पर गौर किया जाना चाहिये।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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