देश को असाधारण लक्ष्य हासिल करने हैं, सबके प्रयास से ही यह संभव होगा : मोदी

शिमला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि आने वाले वर्षों में देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जाना है तथा असाधारण लक्ष्यों का हासिल करना है और यह संकल्प ‘‘सबके प्रयास’’ से ही पूरा होगा।

प्रधानमंत्री ने 82वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन के उद्घाटन सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से संबोधित करते हुए कहा कि भारत की संघीय व्यवस्था में जब ‘‘सबका प्रयास’’ की बात करते हैं तो सभी राज्यों की भूमिका उसका बड़ा आधार होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें आने वाले वर्षों में देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है व असाधारण लक्ष्य हासिल करने हैं। ये संकल्प ‘सबके प्रयास’ से ही पूरे होंगे।’’

उन्होंने कोविड महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में राज्यों की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘‘सबके प्रयास’’ के बगैर इस लड़ाई के खिलाफ जीत हासिल करना मुश्किल था। उन्होंने कहा कि आज भारत कोविड-19 रोधी टीकों की 110 करोड़ खुराक अपने देशवासियों को दे चुका है।

मोदी ने कहा, ‘‘जो कभी असंभव लगता था, वह आज संभव हो रहा है। इसलिए हमारे सामने भविष्य के जो सपने हैं, संकल्प हैं, वह भी पूरे होंगे। यह, देश और राज्यों के एकजुट प्रयासों से ही पूरे होने वाले हैं।’’

उन्होंने कहा कि यह समय अपनी सफलताओं को आगे बढ़ाने का है, और जो रह गया है उसे पूरा करने का है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक नई सोच और नई दृष्टि के साथ हमें भविष्य के लिए नई नीतियां और नियम भी बनाने हैं। सदन की परम्पराएं और व्यवस्थाएं स्वभाव से भारतीय हों, हमारी नीतियां, हमारे कानूनों में भारतीयता के भाव को, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को मजबूत करने वाली हों, तथा सबसे महत्वपूर्ण बात़़…. , सदन में हमारा खुद का भी आचार-व्यवहार भारतीय मूल्यों के हिसाब से हो।’’

अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन के 82वें संस्‍करण का आयोजन 17-18 नवम्‍बर, 2021 को शिमला में किया जा रहा है। प्रथम सम्‍मेलन का आयोजन भी शिमला में 1921 में किया गया था।

इस अवसर पर लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला, राज्‍यसभा के उपसभापति हरिवंश, हिमाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री जयराम ठाकुर भी उपस्थित थे।

इस सम्मेलन में राज्यों की विधानसभाओं के सभापति, पीठासीन अधिकारी शामिल हुए और इसमें लोकतांत्रिक संस्थाओं के कामकाज को पारदर्शी एवं मजबूत बनाने के बारे में चर्चा की जानी है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images

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