निदेशक के कथित नस्लवाद, दुर्व्यवहार की डब्ल्यूएचओ की जांच पर नजर रखेगा जापान

तोक्यो, जापान की सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में एक शीर्ष जापानी अधिकारी द्वारा नस्लवाद और दुर्व्यवहार पर कर्मचारियों की शिकायतों को लेकर एजेंसी की जांच को देखेगी, लेकिन इससे इनकार किया कि उसे अनुचित रूप से संवेदनशील टीकों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

पिछले अक्टूबर में दर्ज एक आंतरिक शिकायत के अनुसार, डब्ल्यूएचओ के कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के शीर्ष निदेशक डॉ. ताकेशी कसाई ने अनैतिक, नस्लवादी और अपमानजनक व्यवहार करते हुए कोरोनो वायरस महामारी पर अंकुश लगाने के उनके प्रयासों को कमजोर किया।

शिकायतों को पिछले सप्ताह डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ नेताओं को भी ईमेल किया गया था और फिलीपिन में डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय मुख्यालय में ‘‘प्रणालीगत धमकाने वाली संस्कृति’’ के साथ ‘‘विषाक्त वातावरण’’ वाले माहौल का उल्लेख किया गया। ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ द्वारा प्राप्त रिकॉर्डिंग से यह भी पता चला है कि कसाई, जो चीन और जापान सहित एक विशाल क्षेत्र के प्रमुख हैं, ने राष्ट्रीयता के आधार पर बैठकों के दौरान अपने कर्मचारियों के लिए अपमानजनक टिप्पणी की। कसाई ने हालांकि आरोपों से इनकार किया है।

प्रधानमंत्री कार्यालय में सार्वजनिक मामलों के उप कैबिनेट सचिव कोइचिरो मात्सुमोतो ने शुक्रवार को ‘एपी’ को बताया कि सरकार समझती है कि डब्ल्यूएचओ उचित कदम उठा रहा है और जापान डब्ल्यूएचओ की जांच को ध्यान से देखने की योजना बना रहा है।

मात्सुमोतो ने इस बात से इनकार किया कि जापान सरकार ने कसाई से अनुचित रूप से संवेदनशील टीके की जानकारी प्राप्त की थी जिसे उन्होंने कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग करके प्राप्त की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘इसमें (आरोपों में) कोई सच्चाई नहीं है कि जापान सरकार ने टीके से संबंधित संवेदनशील जानकारी को अनुपयुक्त रूप से प्राप्त किया है।’’

ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने शुक्रवार को कहा कि मीडिया की खबर पढ़ने से पहले वह कसाई के खिलाफ आरोपों से अनजान थे और डब्ल्यूएचओ से एक ब्रीफिंग मांगेंगे।

उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह के महत्वपूर्ण आरोपों की जांच के लिए डब्ल्यूएचओ की आंतरिक प्रक्रियाओं की किसी प्रकार की बाहरी निगरानी से लाभ होगा।

हंट ने कहा, ‘‘हम डब्ल्यूएचओ से इन दावों की प्रकृति और प्रतिक्रिया के बारे में स्वतंत्र सलाह मांगेंगे।’’

जिनेवा में, संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के राजदूत साइमन मैनले ने कहा कि डब्ल्यूएचओ में भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है और ब्रिटेन डब्ल्यूएचओ से उम्मीद करता है कि वह ‘‘सभी आरोपों की कड़ाई से जांच करेगा” और प्रभावित लोगों का समर्थन करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम इन रिपोर्टों पर डब्ल्यूएचओ की प्रतिक्रिया की बारीकी से निगरानी करेंगे और इसे उच्चतम नैतिक मानकों पर कायम रखना जारी रखेंगे।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : AP Photo

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