नेपाल में तीन साल बाद फिर मनाया गया सदियों पुराना जीभ छेदने वाला त्योहार

काठमांडू, कोरोना वायरस महामारी के कारण नेपाल में तीन साल के अंतराल के बाद मनाए जा रहे जीभ छिदवाने के अनोखे उत्सव के दौरान बुद्ध कृष्ण बाघा श्रेष्ठ ने शुक्रवार को नौवीं बार अपनी जीभ छिदवाई ।

एक हजार साल से अधिक पुराना जीभ छिदवाने वाला उत्सव नेपाली नव वर्ष के दूसरे दिन बिस्कट जात्रा के एक भाग के रूप में आयोजित किया जाता है और केवल भक्तपुर जिले में मनाया जाता है। कथित तौर पर बुरी आत्माओं को दूर भगाने के लिए मनाया जाने वाला यह त्योहार लोगों के सामाजिक कल्याण और कुशलता से जुड़ा है। यह बिक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत में पड़ता है।

कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले तीन सालों से यह त्योहार नहीं मनाया जा सका था।

परंपरा के अनुसार, श्रेष्ठ परिवार के केवल बोडे के स्थानीय लोग ही अपनी जीभ छिदवाने के लिए स्वेच्छा से जा सकते हैं। रोगाणु रोधन (एंटीसेप्टिक) प्रयोजनों के लिए जीभ को छेदने से पहले सुई को पूरी रात सरसों के तेल में भिगोया जाता है।

जीभ छिदवाने के उत्सव में भाग लेने वाले को तीन दिन तक बिना ठोस आहार के उपवास करना होता है।

पेशे से एम्बुलेंस चालक 49 वर्षीय श्रेष्ठ बीते कुछ सालों से हर साल अपनी जीभ छिदवाते रहे है और मध्यपुर थिमी नगर पालिका के बोडे में उन्होंने शुक्रवार को नौवीं बार अपनी जीभ छिदवाई।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

%d bloggers like this: