पश्चिम एशिया की पहली यात्रा पर ब्लिंकन ने फलस्तीनियों को समर्थन की घोषणाएं कीं

यरूशलम, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने फलस्तीनियों के लिए एक प्रमुख राजनयिक संपर्क कार्यालय को पुन: खोलने की योजना की घोषणा की है और ट्रंप प्रशासन की प्रमुख नीतियों को पलटते हुए करीब चार करोड़ डॉलर की नई सहायता राशि का भी ऐलान किया है।

ब्लिंकन ने वेस्ट बैंक में संकटग्रस्त फलस्तीनी सरकार को समर्थन देने के अमेरिका के प्रयासों के तहत यह घोषणा की। मंगलवार को क्षेत्र के पहले आधिकारिक दौरे पर पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री ने इजराइल और फलस्तीन के बीच पिछले सप्ताह हुए संघर्ष-विराम को मजबूती प्रदान करने के मकसद से दोनों के नेताओं से मुलाकात की।

गाजा पट्टी में इजराइल और हमास चरमपंथियों के बीच 11 दिन की लड़ाई के बाद संघर्ष-विराम हुआ।

ब्लिंकन ने इन प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने का संकल्प व्यक्त किया, वहीं यह भी सुनिश्चित करने का वादा किया कि सहायता राशि का एक भी हिस्सा हमास तक नहीं पहुंचेगा।

ब्लिंकन ने बार-बार दशकों पुराने संघर्ष के लंबित मुद्दों की ओर इशारा किया और दोनों पक्षों के प्रति सहानुभूति जताई। हालांकि उन्होंने दीर्घकालिक शांति बनाए रखने के लिए अमेरिका की ओर से एक और बार दबाव बनाने में रुचि नहीं दिखाई। ऐसा संभवत: इसलिए है कि पूर्व प्रशासन के इस दिशा में किए गए प्रयास विफल रहे। ब्लिंकन ने हालांकि बेहतर माहौल बनाने की उम्मीद जताई जिसमें एक दिन शांति वार्ता शुरू हो सकेगी।

ब्लिंकन ने यह भी साफ किया कि राष्ट्रपति जो बाइडन क्षेत्र के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तुलना में अधिक निष्पक्ष तरीके से प्रयास करेंगे। ट्रंप ने फलस्तीनियों के साथ एक तरह से हर क्षेत्र में असहमति दिखाते हुए इजराइल का भरपूर समर्थन जताया था।

ब्लिंकन ने वेस्ट बैंक में फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ बातचीत के बाद कहा, ‘‘जैसा कि मैंने राष्ट्रपति को बताया, मैं यहां फलस्तीनी शासन और फलस्तीनी जनता के साथ रिश्तों के पुनर्निर्माण की अमेरिका की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने आया हूं। ऐसे रिश्ते जो आपसी सम्मान के आधार पर बने हों और उनमें फलस्तीनियों तथा इजराइलियों के लिए सुरक्षा, स्वतंत्रता के अवसर एवं सम्मान के समान उपायों का साझा संकल्प हो।’’

उन्होंने बताया कि अमेरिका इस दिशा में यरूशलम में वाणिज्य दूतावास को पुन: खोलेगा जो वर्षों तक फलस्तीनियों के लिए वस्तुत: दूतावास की तरह काम करता रहा।

ट्रंप ने 2018 में तेल अवीव से अमेरिकी दूतावास को यरूशलम स्थानांतरित करके वाणिज्य दूतावास के कामकाज को भी अमेरिकी दूतावास के अधीन कर दिया था।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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