प्रधानमंत्री मोदी भारत और अमेरिका के संबंधों की क्षमता को समझते हैं: राजदूत संधू

वाशिंगटन, अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत और अमेरिका के संबंधों की क्षमता को समझते हैं तथा उन्होंने दोनों देशों के बीच विश्वास पैदा करने में अहम भूमिका निभाई है।

संधू ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के बावजूद दोनों देशों के बीच पिछले साल हुए 160 अरब डॉलर के रिकॉर्ड द्विपक्षीय व्यापार की सराहना की।

उन्होंने रविवार को शिकागो में एक समारोह के दौरान कहा, ‘‘1.4 अरब नागरिकों के मुखिया होने के नाते हमारे प्रधानमंत्री ने हम सभी को बड़े सपने देखने के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने हमें वास्तव में दिखाया है कि यदि दृढ़ निश्चय के साथ काम किया जाए, तो इन सपनों को साकार किया जा सकता है, जैसा कि वैश्विक नक्शे पर भारत के उदय से दिखाई दे रहा है।’’

संधू ने शिकागो में ‘एनआईडी फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित ‘विश्व सद्भावना’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘आइए, हम सभी बड़े सपने देखें और उन सपनों को साकार करने के लिए पूरे जोश के साथ काम करें।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भारत और अमेरिका के संबंधों की क्षमता को समझते हैं और उन्होंने देशों के बीच भरोसा कायम करने में अहम भूमिका निभाई है।

संधू ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने अमेरिका के रूप में एक निकटतम मित्र और एक मजबूत साझेदार को देखा, जो लगभग 1.4 अरब भारतीयों के सपनों और विकास की आकांक्षाओं को हकीकत में बदलने के लिए महत्वपूर्ण है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ने अपनी दूरगामी सोच के जरिए इन संबंधों को आकार दिया और दिखाया कि ध्यान केंद्रित करके एवं लगातार प्रयासों से ठोस परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। अमेरिका ने भारत को एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में नामित किया है, जो रक्षा क्षेत्र में हमारे मजबूत सहयोग का आधार है। भारत और अमेरिका आज किसी भी अन्य देश की तुलना में एक दूसरे के साथ अधिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास करते हैं।’’

अमेरिका और भारत के बीच रक्षा व्यापार 1990 के दशक के अंत में लगभग शून्य था, लेकिन 2022 में यह बढ़कर 20 अरब डॉलर से अधिक हो गया। इसी तरह, ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापार पांच साल पहले लगभग शून्य था, लेकिन यह अब 20 अरब डॉलर है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और अमेरिका के बीच पिछले साल 160 अरब डॉलर से अधिक का व्यापार हुआ था, जो अब तक का सर्वाधिक व्यापार है। यह व्यापार इसलिए और भी अधिक प्रभावित करने वाला है, क्योंकि हम कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने के बावजूद और किसी भी औपचारिक व्यापार समझौते के बिना यह रिकॉर्ड हासिल करने में सक्षम रहे।’’

संधू ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया को आगे की राह दिखा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया को कोविड-19 के टीके मुहैया कराने की बात हो, अफगानिस्तान जैसे देशों में राहत मिशन चलाने की बात हो या शिक्षा या अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में देशों का हाथ थामने की बात की या ग्लासगो में ‘सीओपी26 ग्लोबल लीडर्स समिट’ अथवा विश्व आर्थिक मंच के दावोस शिखर सम्मेलन के दौरान भारत का रुख हो, नरेंद्र मोदी ने दुनिया को वास्तव में आगे की राह दिखाई है।’’

कई जाने-माने भारतीय-अमेरिकियों द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पश्चिम एशिया के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में सिखों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ अमेरिकी सीनेटर रॉन जॉनसन, आध्यात्मिक नेता श्री श्री रविशंकर, विस्कॉन्सिन-पार्कसाइड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डेबी फोर्ड, विस्कॉन्सिन स्टेट असेम्बली के अध्यक्ष रॉबिन वोस, ‘एनआईडी’ फाउंडेशन मुख्य संरक्षक एवं चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति एस सतनाम सिंह संधू और ‘जनरल एटॉमिक’ के मुख्य कार्यकारी विवेक लाल समेत कई गणमान्य हस्तियों ने भाग लिया।

इस दौरान श्री श्री रविशंकर ने पिछले आठ वर्षों में शुरू की गई विभिन्न पहलों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, ‘‘“भारत में बड़ा बदलाव आया है। बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर समाज के गरीब से गरीब तबके तक पहुंचने, व्यापार करने में आसानी और कई अन्य पहलों के जरिए प्रधानमंत्री द्वारा किया गया विकास अभूतपूर्व है।’’

जॉनसन ने कहा कि मोदी के सत्ता में आने के बाद से भारत और अमेरिका के संबंध और गहरे एवं मजबूत हुए हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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