भारत व सिंगापुर भविष्योन्मुखी कार्यबल के लिये ‘संयुक्त उत्कृष्ठता केंद्र’ स्थापित करने पर सहमत हुए

नयी दिल्ली, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बृहस्पतिवार को सिंगापुर के द्वितीय शिक्षा एवं विदेश मामलों के मंत्री मोहम्मद मलिकी बिन ओस्मान के साथ बैठक की तथा भविष्य की जरूरतों के अनुरूप कार्यबल तैयार करने के लिये एक ‘संयुक्त उत्कृष्ठता केंद्र’ स्थापित करने पर सहमति जताई।

इंडोनेशिया के बाली में जी-20 समूह के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने गए प्रधान ने सिंगापुर के मंत्री के साथ विविध विषयों पर चर्चा की।

प्रधान ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘‘शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत बनाने को लेकर सिंगापुर के द्वितीय शिक्षा एवं विदेश मामलों के मंत्री मोहम्मद मलिकी बिन ओस्मान के साथ सार्थक चर्चा हुई।’’

उन्होंने कहा कि भारत के साथ शिक्षा एवं उद्यमिता के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग एवं सम्पर्क बढ़ाने की मोहम्मद की उत्सुकता की वह सराहना करते हैं।

वहीं, शिक्षा मंत्रालय के ट्वीट के अनुसार, ‘‘दोनों नेताओं ने प्रारंभिक शिक्षा, कौशल विकास, प्रशिक्षक प्रशिक्षण, उद्यमिता एवं नवाचार सहित शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने भविष्य की जरूरतों के अनुरूप कार्यबल तैयार करने के लिये एक संयुक्त ‘उत्कृष्ठता केंद्र’ स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की।’’

बैठक के बाद प्रधान ने कहा कि उन्होंने भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों और सिंगापुर के विश्वविद्यालयों के बीच दोहरी डिग्री, छात्रों की आवाजाही, संयुक्त कौशल प्रमाणन, अर्द्ध कुशल कामगारों के लिये सिंगापुर में ‘वर्क परमिट’ जैसे विषयों पर चर्चा की।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमने शिक्षा, कौशल, स्थानीय एवं वैश्विक ब्रांड को लेकर युवाओं को रोजगार योग्य कौशल प्रदान करने तथा दोनों देशों में भविष्य की जरूरतों के अनुरूप कार्यबल तैयार करने पर सहमति व्यक्त की।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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