भारत से ‘मैं खाली हाथ नहीं लौटी हूं’ : बांग्लादेशी प्रधानमंत्री

ढाका, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को कहा कि उनकी हालिया भारत यात्रा से बांग्लादेश को फायदा हुआ है और वह “खाली हाथ” नहीं लौटी हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी यात्रा ने दो मित्र पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में एक नया क्षितिज खोल दिया है।

हसीना की यात्रा के दौरान, भारत और बांग्लादेश ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से एक कुशियारा नदी के पानी के बंटवारे पर था, जिससे दक्षिणी असम और बांग्लादेश के सिलहट के इलाकों को लाभ होने की उम्मीद है।

हसीना ने पांच से आठ सितंबर के बीच भारत के चार दिवसीय दौरे के करीब हफ्ते भर बाद यहां संवाददाताओं को बताया, “उन्होंने (भारत) ने गंभीरता दिखाई और मैं खाली हाथ नहीं लौटी हूं।”

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि कोविड महामारी के कारण तीन साल के लंबे अंतराल के बाद मेरी यात्रा ने बांग्लादेश-भारत संबंधों में एक नया क्षितिज खोल दिया है।” उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के लोगों को उनकी भारत यात्रा के दौरान पहचाने गए सभी क्षेत्रों में सहयोग और मौजूदा द्विपक्षीय समस्याओं को हल करने के लिए लिए गए निर्णयों से लाभ होगा।

उनकी टिप्पणी तब आई जब मुख्य विपक्ष बीएनपी के नेताओं ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश को उनकी (हसीना की) भारत यात्रा से कुछ नहीं मिला, जबकि इसके महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा, “हसीना भारत से समझौते में असमर्थ हैं”।

हसीना ने कुशियारा नदी को लेकर सहमति पत्र को बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और हरित अर्थव्यवस्था, सांस्कृतिक व लोगों से लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्र में सहयोग पर भी समझौते किए हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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