म्यांमा की सैन्य सरकार ने राजनीतिक दलों के लिए नया कानून बनाया

बैंकाक, म्यांमा की सैन्य सरकार ने राजनीतिक दलों के पंजीकरण को लेकर एक नया कानून बनाया है। इस कानून की वजह से साल के अंत में होने वाले आम चुनाव में विपक्षी समूहों के लिए सेना समर्थित उम्मीदवारों को कड़ी चुनौती देना मुश्किल हो जाएगा।

नया चुनाव कानून सरकारी अखबार ‘म्यांमा एलिन्न’ में प्रकाशित किया गया है। इसमें चुनाव में हिस्सा लेने वाले दलों के लिए निर्धारित न्यूनतम कोष और सदस्यता के स्तर के बारे में बताया गया है। नए कानून के जरिये उन दलों या उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है, जिन्हें सैन्य शासन गैर-कानूनी मानता है या उनका संबंध ऐसे संगठनों से है, जिन्हें सैन्य सरकार ने आतंकवादी समूह घोषित कर रखा है।

सेना ने फरवरी 2021 में आंग सांग सू ची की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कर दिया था। उसने सू ची और उनकी ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी’ के शीर्ष सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। सू ची की पार्टी ने नवंबर 2020 के आम चुनाव में दूसरे कार्यकाल के लिए प्रचंड बहुमत हासिल किया था।

सैन्य तख्तापलट के विरोध में देशभर में हुए प्रदर्शनों को सुरक्षाबलों ने कुचल दिया था, जिसमें करीब 2,900 आम नागरिकों की मौत हुई थी और हज़ारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

नया कानून दलों को संघीय निर्वाचन आयोग में पंजीकरण कराने के लिए दो महीने का वक्त देता है और ऐसा न करने वाले दल खुद-ब-खुद अमान्य हो जाएंगे और उन्हें भंग मान लिया जाएगा।

पूरे देश में चुनाव लड़ना चाह रहे दलों के लिए जरूरी होगा कि वे पंजीकरण के बाद तीन महीने में कम से कम एक लाख सदस्य बनाएं, जो 2020 के चुनाव के लिए तय किए गए न्यूनतम स्तर से 100 गुना ज्यादा है। दलों को छह महीने के अंदर देश के आधे नगरों में अपने दफ्तर खोलने होंगे और कम से कम आधी सीटों पर चुनाव लड़ना होगा।

‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि वह सेना की ओर से कराए जाने वाले चुनाव को स्वीकार नहीं करेगी। पार्टी ने आरोप लगाया था कि सेना ‘फर्जी’ चुनावों के जरिये राजनीतिक वैधता और अंतरराष्ट्रीय मान्यता पाने की कोशिश कर रही है।

‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ ने शुक्रवार को एसोसिएटिड प्रेस को भेजे संदेश में नए कानून को खारिज किया है।

पार्टी की केंद्रीय कार्य समिति के सदस्य क्याव हटवे ने कहा, “नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की केंद्रीय कार्य समिति इसे स्वीकार नहीं करेगी, क्योंकि सैन्य परिषद की सभी कार्रवाइयां अवैध हैं। सैन्य परिषद द्वारा किए गए तख्तापलट ने भी मौजूदा कानूनों का उल्लंघन किया है और लोग उसका बिल्कुल भी समर्थन नहीं कर रहे हैं।”

म्यांमा में फिलहाल 90 से ज्यादा राजनीतिक दल हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सेना के समर्थन वाली ‘यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी’ ही नए कानून के तहत निर्धारित जरूरतों को पूरा कर पाएगी। इस पार्टी ने 2020 के चुनाव में बहुत खराब प्रदर्शन किया था।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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