राष्ट्रमंडल नेताओं की बैठक में जलवायु परिवर्तन, मलेरिया के मुद्दे उठे

किगाली (रवांडा) रवांडा में शुक्रवार को एक शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रमंडल देशों के नेताओं की बैठक में जलवायु परिवर्तन, उष्णकटिबंधीय बीमारियों और कोविड-19 महामारी के कारण गहरायी अन्य चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर चर्चा की गई।

रवांडा की राजधानी किगाली में राष्ट्रमंडल राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन, सप्ताह में पहले हुई बैठकों की एक श्रृंखला का समापन है। इन बैठकों में 54-देशों के समूह में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयासों में कुछ सफलता की सूचना मिली है। इन देशों में करीब 2.5 अरब लोग रहते हैं।

राष्ट्रमंडल के सदस्य राष्ट्र विशाल भारत से लेकर छोटे तुवालु तक हैं। टोगो और गैबॉन जैसे अफ्रीकी राष्ट्रों ने ब्रिटेन के साथ कोई औपनिवेशिक इतिहास नहीं होने के बावजूद राष्ट्रमंडल में शामिल होने के लिए कहा है।

राष्ट्रमंडल में ज्यादातर पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश शामिल हैं, लेकिन मोजाम्बिक और रवांडा ने अतीत में उस समूह में शामिल होने के लिए सफल दावेदारी शुरू की जिसकी औपचारिक प्रमुख महारानी एलिजाबेथ द्वितीय है।

प्रिंस चार्ल्स अपनी मां का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। महारानी एलिजाबेथ ने 96 साल की उम्र में अपने आधिकारिक कर्तव्यों को सीमित कर रही है। शिखर सम्मेलन ब्रिटिश राजशाही के साथ-साथ राष्ट्रमंडल के लिए अनिश्चित समय पर हो रहा है, जिसकी प्रासंगिकता पर जब-तब सवाल उठाया जाता है।

समूह को एक नई चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कुछ सदस्य राष्ट्र महारानी को अपने राज्य के प्रमुख के रूप में हटाने पर चर्चा कर रहे हैं। वह 14 राष्ट्रमंडल क्षेत्रों की राष्ट्र प्रमुख हैं, लेकिन बारबाडोस ने नवंबर में राजशाही के साथ संबंध तोड़ दिए, और जमैका सहित कई अन्य कैरिबियाई देशों का कहना है कि वे भी इस कदम के अनुसरण की योजना बना रहे हैं।

शुक्रवार को अपनी टिप्पणी में, चार्ल्स ने कहा कि “स्वतंत्र” राष्ट्र ऐसे निर्णय “शांति से और बिना विद्वेष के” ले सकते हैं।

राजगद्दी के उत्तराधिकारी चार्ल्स ने स्वदेशी समुदायों और अन्य लोगों के लिए दासता और इसकी विरासत की भी यह कहते हुए बात की कि राष्ट्रमंडल को “हमारे अतीत को स्वीकार करने के लिए नए तरीके खोजने चाहिए।” उन्होंने कहा, “बेहद सरल शब्दों में कहें तो, यह एक चर्चा है जिसका समय आ गया है।”

रवांडा की शिखर सम्मेलन की मेजबानी कुछ लोगों के लिए विवादास्पद है, जो सत्तावादी नेता पॉल कागमे के नेतृत्व में पूर्वी अफ्रीकी देश के खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड का हवाला देते हैं, जो 1994 के नरसंहार के बाद से वास्तविक नेता या राष्ट्रपति रहे हैं।

शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से लेकर नाइजीरियाई राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी तक शामिल हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी रवांडा में हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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