शोध विद्यार्थियों को चरणबद्ध तरीके से विश्वविद्यालय आने की अनुमति दी जाए : जेएनयू छात्रसंघ

नयी दिल्ली, जेएनयू छात्र संघ ने मंगलवार को मांग की कि शोध विद्यार्थियों को सभी कोविड-19 दिशा-नियमों का पालन करते हुए चरणबद्ध तरीके से विश्वविद्यालय लौटने की अनुमति दी जाए।
छात्र संघ ने साथ ही यह भी मांगें रखीं कि प्रवेश परीक्षा से पहले छात्रों को और अधिक समय दिया जाए और शोध विद्यार्थियों के लिए समयसीमा में विस्तार दिया जाए।

छात्र संघ ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान अपने घर लौटते समय एम. फिल और पीएचडी के कई छात्र अपने लैपटॉप और शोध सामग्री छोड़ गए थे और वे अपने प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर पा रहे।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिये होने वाली परीक्षाओं की तारीखें बिना किसी तैयारी के तय कर दी गईं, जो अन्य विश्वविद्यालयों की परीक्षा तिथियों से टकरा रही हैं।

जेएनयू की प्रवेश परीक्षाएं पांच से आठ अक्टूबर के बीच आयोजित की जाएंगी। छात्रसंघ ने कहा कि महामारी के बीच परीक्षा शुरू होने से केवल 15 दिनों पहले तारीखों को जारी किया जाना, एक तरह से छात्रों के साथ ”सख्ती” है क्योंकि देशभर में आवाजाही के साधन प्रभावित हैं।

छात्रसंघ अध्यक्ष आशी घोष ने कहा, ” उम्मीदवारों को अंतिम समय पर अपने केंद्रों को बदलने का अवसर नहीं दिया गया जैसा कि यूजीसी-नेट परीक्षाओं के मामले में किया गया था। इसलिए, उन्हें अपने वर्तमान स्थान से दूर के परीक्षा केंद्रों से ही संतुष्टि करनी पड़ी।” उन्होंने कहा कि छात्रों से संबंधी सभी चिंताओं को दूर किए जाने के बाद ही परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए।

छात्रसंघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से एमफिल और पीएचडी छात्रों की चरणबद्ध तरीके से परिसर में वापसी सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश तय करने की भी मांग की है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

%d bloggers like this: