संरचनात्मक सुधारों, सरकारी खर्च पर जोर से भारत मजबूत वृद्धि के रास्ते पर: सीईए

नयी दिल्ली, भारत की वृहद आर्थिक बुनियाद काफी मजबूत है और संरचनात्मक सुधारों, सरकारी खर्च पर जोर तथा टीकाकरण की तेज रफ्तार के बल पर देश तीव्र वृद्धि के लिये तैयार है। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमण्यम ने मंगलवार को यह कहा।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों पर सुब्रमण्यम ने संवाददाताओं से कहा कि इससे सरकार के पिछले साल लगाए गए ‘वी’ आकार यानी तेज गति से पुनरूद्धार के अनुमान की पुष्टि होती है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही है। पिछले साल के निचले आधार प्रभाव की वजह से यह वृद्धि दर हासिल हो पाई। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कोविड-19 महामारी के प्रभाव की वजह से सकल घरेलू उत्पाद में 24.4 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई थी।

सुब्रमण्यम ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर महामारी-पूर्व के स्तर से ऊंची रहेगी। वृद्धि दर ताजा आर्थिक समीक्षा में लगाए गए अनुमान के अनुरूप रहेगी।

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने उम्मीद जताई कि कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 11 प्रतिशत के आसपास रहेगी।

सुब्रमण्यम ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र ने अब डूबे कर्ज को लेकर ‘बचाव’ प्रणाली को विकसित कर लिया है। उन्होंने कहा कि 2020-21 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का शुद्ध लाभ बढ़कर 31,816 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

मुद्रास्फीति पर सुब्रमण्यम ने कहा कि पिछले महीने की तुलना में जुलाई में इसमें कमी आई है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि अगले कुछ माह के दौरान मुद्रास्फीति 5-6 प्रतिशत के बीच रहेगी। वैश्विक स्तर पर जिंसों की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद यह छह प्रतिशत से कम रहेगी।’’

उन्होंने उम्मीद जताई कि टीकाकरण में तेजी के साथ परिवारों का उपभोग बढ़ेगा। सुब्रमण्यम ने कहा कि महामारी को लेकर डर दूर होने के साथ ही उपभोग रफ्तार पकड़ेगा, जैसा पिछले वित्त वर्ष में देखने को मिला था।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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