संविधान बदलने की मंशा से की जा रही है ‘400 पार’ की बात: कांग्रेस

नयी दिल्ली, कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनंत कुमार हेगड़े के बयान को लेकर सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा पर सामाजिक न्याय एवं धर्मनिरपेक्षता का विरोधी होने का आरोप लगाया और दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में 400 सीट की बात जा रही है, ताकि संविधान बदला जा सके। कांग्रेस ने हेगड़े के बयान के खिलाफ मंगलवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने की घोषणा की है।

 पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस तरह के बयान देने वाले नेताओं को भाजपा से बाहर करना चाहिए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सांसद के ‘संविधान बदलने’ वाले बयान पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी खतरनाक है।

 भाजपा सांसद हेगड़े ने रविवार को कहा था कि प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को हटाने के लिये भाजपा संविधान में संशोधन करेगी।  उन्होंने लोगों से लोकसभा में भाजपा को दो-तिहाई बहुमत देने का आह्वान किया था, ताकि देश के संविधान में संशोधन किया जा सके।  भाजपा ने हेगड़े के बयान को उनका ‘निजी विचार’ करार दिया है।  खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भाजपा ने संविधान को सम्पूर्ण तरीके से स्वीकार नहीं किया है। एक तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं कि संविधान नहीं बदला जाएगा। दूसरी तरफ वो अपने सांसद से कहलवाते हैं कि संविधान बदलने के लिए हमें दो-तिहाई बहुमत चाहिए।’’

   उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, “ये लोग सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं, संविधान में ‘धर्मनिरपेक्षता’ शब्द के खिलाफ हैं…इनकी मानसिकता बुरी है और इससे देश में हंगामा मचेगा।” उन्होंने सवाल किया, “एससी, एसटी का आरक्षण संविधान में दिया गया है। आप क्या बदलना चाहते हैं।?  खरगे ने दावा किया, “वे (भाजपा) संविधान बदलना चाहते हैं, इसलिए 400 पार की बात कर रहे हैं।”

 खरगे ने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री मोदी के पास हिम्मत है तो जिस नेता ने संविधान बदलने की बात की है उसे पार्टी से बाहर निकालें।’’

 भाजपा ने इस बार के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए 400 से अधिक सीट जीतने के लक्ष्य को निर्धारित करते हुए ‘अबकी बार, 400 पार’ का नारा दिया है।

 राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भाजपा सांसद के ‘संविधान बदलने’ वाले बयान पर नरेंद्र मोदी की चुप्पी खतरनाक है। अब चुनाव दो विचारधाराओं के बीच है! संविधान या संघविधान, सामाजिक न्याय या शोषण, धर्मनिरपेक्षता या सांप्रदायिकता, नागरिक अधिकार या बेबस जनता, बोलने की आज़ादी या डर भरी चुप्पी, मोहब्बत या नफ़रत, विविधता या एकाधिकार, न्यायपूर्ण व्यवस्था या तानाशाही अन्याय।’’

   उन्होंने कहा, ‘‘… भारत की सबसे कीमती धरोहर, संविधान को बदलने का मतलब देश को गुलामी की ओर धकेलना है। आने वाली पीढ़ियों के भविष्य का फैसला अब आपके हाथों में है।’’

  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने हेगड़े के बयान को लेकर कहा कि यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के एजेंडे के अनुसार संविधान में संशोधन किया जाता है तो ‘‘यह संसदीय लोकतंत्र, संघवाद, अल्पसंख्यकों के अधिकारों और अंग्रेजी भाषा का अंत होगा’’।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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