सर्बियाई सैन्य प्रमुख रात्को म्लादिक की दोषसिद्धि बरकरार

द हेग, संयुक्त राष्ट्र अपीली अदालत ने 1992 से 1995 के बीच बोस्निया के युद्ध के दौरान नरसंहार समेत आपराधिक मामलों में बोस्नियाई सर्बियाई पूर्व सैन्य प्रमुख रात्को म्लादिक की दोषिसिद्धि को बरकरार रखा और उसे दी गई आजीवन कारावास की सजा की पुष्टि की।

अदालत के मंगलवार के इस फैसले का अर्थ है कि युद्ध के दौरान बोस्निया को आतंकित करने वाले 79 वर्षीय म्लादिक को अपना शेष जीवन जेल में बिताना होगा।

जाम्बिया की पीठासीन न्यायाधीश प्रिस्का मातिम्बा न्यामबे ने कहा कि अदालत म्लादिक की अपील को ‘‘पूरी तरह’’ खारिज करती है और उसके आजीवन कारावास की पुष्टि करती है।

अदालत ने युद्ध की शुरुआत में जातीय सफाए से जुड़े नरसंहार के एक मामले में म्लादिक को बरी किए जाने के खिलाफ अभियोजकों की एक अपील भी खारिज कर दी।

म्लादिक से पहले उसके पूर्व राजनीतिक गुरु एवं पूर्व बोस्नियाई सर्बियाई राष्ट्रपति रादोवान कारादजिक को भी बोस्नियाई युद्ध में जातीय रक्तपात का षड्यंत्र रचने के लिए आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। इस युद्ध में एक लाख से अधिक लोग मारे गए थे आौर लाखों लोग बेघर हो गए थे।

‘‘बोस्निया के कसाई’’ म्लादिक ने ‘‘जातीय सफाए’’ संबंधी अभियानों से लेकर सराजेवो की घेराबंदी और 1995 में स्रेब्रेनिका नरसंहार में रक्तपात करने तक कई अत्याचार करने वाले सैन्य बलों का नेतृत्व किया था। किसी समय ताकतवर सैन्य अधिकारी के रूप में जाने जाने वाले म्लादिक अब एक कमजोर बुजुर्ग है, जिसकी खराब सेहत के कारण अंतिम निर्णय में देरी हुई।

बोस्निया में सर्बियाई लोगों के लिए म्लादिक एक युद्ध नायक है, जिसने अपने लोगों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन बोस्निया में कई लोगों, खासकर मुसलमानों के लिए वह ऐसा खलनायक है, जिसने बड़े युद्ध अपराध किए।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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