‘स्वतंत्र और खुले’ हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए क्वाड की भूमिका महत्वपूर्ण: जापानी प्रधानमंत्री

सिंगापुर, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने शुक्रवार को यहां कहा कि अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का समूह क्वाड ‘स्वतंत्र और खुले’ हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने समान विचार वाले देशों से चीन की बढ़ती मौजूदगी के बीच रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का अनुरोध किया।

किशिदा शुक्रवार को सिंगापुर पहुंचे। उन्होंने यहां एशिया के प्रतिष्ठित रक्षा सम्मेलन ‘शंगरी-ला डायलॉग’ में प्रमुख व्याख्यान दिया।

उन्होंने कहा कि क्वाड देशों के नेताओं ने मई में तोक्यो में हुई अपनी बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अगले पांच साल में अवसंरचना सहायता और निवेश पर 50 अरब डॉलर से अधिक खर्च करने का वादा किया है।

किशिदा ने कहा, ‘‘आसियान और प्रशांत देशों के साथ ही जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका, जिन्हें क्वाड के नाम से भी जाना जाता है, स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।’’

उन्होंने आर्थिक और सुरक्षा सहयोग की वकालत करते हुए कहा, ‘‘समान विचार वाले देशों के लिए इस क्षेत्र में संसाधनों में निवेश बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है।’’

‘क्वाड’ नेताओं ने मई में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिये एक बड़ी नयी पहल शुरू की थी, जो साझेदार देशों को क्षेत्रीय जलक्षेत्रों की पूरी तरह से निगरानी करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करेगी।

तोक्यो में हुए दूसरे प्रत्यक्ष क्वाड सम्मेलन के अंत में हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरुकता (आईपीएमडीए) पहल शुरू करने और वित्तीय सहायता की घोषणा की गई। यह घोषणा क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी को लेकर वैश्चिक चिंताओं के बीच की गई है।

सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री किशिदा तथा ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भाग लिया।

चारों नेताओं के संयुक्त बयान में कहा गया कि आईपीएमडीए हिंद प्रशांत क्षेत्र के देशों और हिंद महासागर, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत द्वीप समूह में क्षेत्रीय सूचना समेकन केंद्रों के परामर्श और समर्थन से काम करेगा। इसके जरिये साझा समुद्री क्षेत्र जागरुकता में मदद के लिए प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके।

नेताओं ने एक स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और इस क्षेत्र के लिए ‘ठोस परिणाम देने के मकसद से अथक प्रयास’ करने का संकल्प लिया।

संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘आईपीएमडीए ठोस परिणामों की दिशा में संयुक्त प्रयासों को उत्प्रेरित करने के क्वाड के मकसद को पूरा करेगा, जिससे क्षेत्र को और अधिक स्थिर और समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी।’

जापानी प्रधानमंत्री ने अपने व्याख्यान में जापान की कूटनीति और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ‘किशिदा विजन फॉर पीस’ की बात की।

उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष तथा क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी के मद्देनजर अगले पांच साल में रक्षा व्यय बढ़ाने का संकल्प जताया।

भारत, अमेरिका और कई अन्य वैश्विक महाशक्तियां संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी की पृष्ठभूमि में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की जरूरत के बारे में बात कर रहे हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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